दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानने वाले है की अनुलोम विलोम के 101 फायदे क्या क्या है ? और हम अनुलोम विलोम के लाभ के बारेमे भी जानेंगे ।
दोस्तों अनुलोम विलोम प्राणायाम एक प्रमुख प्राणायाम है जो योग और आयुर्वेद के ग्रंथों में काफी प्रचलित है। इस प्राणायाम को विभिन्न वैज्ञानिक फायदों के लिए जाना जाता है।
दोस्तों ऐसा नहीं है की सभी लोगो को अनुलोम विलोम करने से फायदा ही मिलेगा कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिन्हे अनुलोम विलोम करने के बाद थोड़ी बेचैनी और तकलीफ हो शक्ति है तो हमे । के बारेमे भी जानना होगा।
Contents
अनुमोम विलोम का अर्थ
शाब्दिक अर्थ की बात करें तो अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और । यहाँ पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है नाक का बायाँ छिद्र ।
अर्थात अनुलोम विलोम प्राणायाम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें नाक के एक तरफ से स्वांस लिया जाता है तो दूसरी तरफ से छोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया प्रत्येक श्वास के साथ बदल जाती है ।
अनुलोम विलोम प्राणायाम को कुछ योगी गण नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते हैं। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है ।
अनुलोम विलोम के फायदे और नुकसान
यानी वे स्वक्ष व निरोगी बनी रहती हैं। दोस्तों चलिए आज हम अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदों के विषय में जानते हैं। नमस्कार! मैं हूँ ऋतिक सोनी ।
अनुलोम विलोम के फायदे–Anulom Vilom ke Fayde
- सांस की समस्याओं में सुधार
- श्वसन मार्ग की सफ़ाई
- ऊर्जा प्रदान करता है
- मस्तिष्क का सुधार
- मानसिक शांति प्रदान करता है
- नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है
- रक्तचाप नियंत्रित करने में मदद –
- हृदय की क्षमता में सुधार करता है
- शरीर को ठंडक प्रदान करता है
- पाचन तंत्र का सुधार करता है
- वजन नियंत्रण में मदद करता है
अनुलोम विलोम के नुकसान–Anulom Vilom ke Nukshan
किन किन लोगो को अनुलोम विलोम नहीं करना चाहिए और करना है तो कितनी देर और कब करना चाहिए और अनुलोम के नुकशान क्या क्या हो शकते है वो जानते है।
- अगर अधिक दबाव डालकर अभ्यास किया जाए तो चक्कर आ सकते हैं।
- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप वाले लोगों को चिकित्सक से परामर्श लेकर ही करना चाहिए।
- नाक में संक्रमण होने पर अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- मिर्गी के रोगियों को अनुलोम विलोम नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक सलाह लेनी चाहिए।
- बच्चों के लिए योग्य व्यक्ति का मार्गदर्शन लेना चाहिए।
- शुरुआत में अधिक समय तक नहीं करना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम से जुडी खास बाते
वाणी पर भरोसा करने के लिए धन्यबाद। पहला फायदा साँस की समस्याओं में लाभदायक। अध्ययन के अनुसार अनुलोम विलोम का अभ्यास फेफड़ों के कार्य और सहनशक्ति में सुधार कर सकता है।
साल दो हज़ार 19 के एक समीक्षा लेख में पाया गया कि फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए अनुलोम विलोम का अभ्यास एक प्रभावी तरीका हो सकता है ।
वहीं एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि 20 दिन में 30 मिनट तक इस अभ्यास को करने से साइनस की सूजन में सुधार हो सकता है।
दूसरा फायदा श्वसन मार्ग की सफाई । जी हां दोस्तों यह प्राणायाम आपके श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करता है।
इसके द्वारा आप श्वसन मार्ग की आंतरिक गंदगी जो धूल कणों और प्रदूषण के साथ आ जाते हैं और आपकी श्वसन नाली से चिपक जाते हैं उन्हें आप हटा सकते हैं और इसे शुद्ध कर सकते हैं। फायदा नंबर तीन निरोगी करने वाली ऊर्जा ।
अनुलोम विलोम प्राणायाम शरीर को नई ऊर्जा की आपूर्ति करने में मदद करता है क्योंकि इससे बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सीजन हमारे भीतर प्रवेश करती है,
जिससे यह आपके सामरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है ।
FAQ-अनुलोम विलोम के बारेमे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अनुलोम विलोम कब और कितनी देर करना चाहिए?
दोस्तों काफी सारे लोगो का सवाल होता है की अनुलोम विलोम कब और कितनी देर तक करना चाइये ? दोतो वैसे तो अनुलोम विलोम आप कभी भी कर शक्ति है ।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के नुकसान कोनसे है?
अनुलोम विलोम करने से कोई भी नुकशान नहीं होता लेकिन अगर आप को दिल की या फिर साँस की बीमारी है तो आप को डॉक्टर की सलाह के बाद ही अनुलोम विलोम करना चाहिए।
अनुलोम विलोम करने का सही समय क्या है?
अनुलोम विलोम करने का कोई निश्चित समय नहीं है लेकिन सुबह ५ से ८ बजे तक समय सबसे अच्छा और लाभदायी माना जाता है ।
अनलोम विलोम कितने समय तक करना चाहिए?
दोस्तों अगर आप ने अनुलोम विलोम करने करने की शुरुआत ही की है तो आपको पहले ५ मिनट से शुरुआत कर शकते है ।
दोस्तों अनुलोम विलोम आप को रोजाना १५ मिनिट करना ही चाहिए इससे आपको अनुलोम विलोम के १०१ फायदें के लाभ मिलेंगे ।
अनुलोम विलोम कब नहीं करना चाहिए?
दोस्तों अगर आप किसी भी गंभीर बीमारी जैसे ह्रदय जी बीमारी, फेफड़े में सूजन, से पीड़ित है तो आपको अनुलोम विलोम नहीं करना चाहिए ।
दोस्तों ध्यान रखे की अनुलोम विलोम को खाना खाने के तुरंत बाद कभी मत करे , करने से पहले आपका पेट एकदम साफ़ होना चाहिए ।
Conclusion
तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने जाना की अनुलोम विलोम करने से क्या फायदा और नुकशान होता है ,और अनुलोम विलोम कब, कैसे, और किसको करना चाहिए मुझे आशा हुई की आपको हमारा यह लेख पढ़ के काफी कुछ जानने को मिला होगा।
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धन्यवाद ।
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